हमारी भारतीय संस्कृति हमेशा से ही मशहूर रही है और भारतीय संस्कृति को सभी जगह सराहा जाता है.हमारे देश में एकता की मिसाल कई बार देखने को मिलती है.अब उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एक मुस्लिम परिवार ने एक हिंदू लड़की के विवाह समारोह का आयोजन करने के लिए अपने ही घर में मंडप सजा दिया. यह खबर तेजी से वायरल हो रही है.

आपको बता दें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मुस्लिम परिवार ने एक हिंदू लड़की के विवाह समारोह का आयोजन करने के लिए मुस्लिम परिवार ने अपना घर दे दिया लड़की के पिता की मौत कोविड मे हो गई थी.

इस परिवार ने बारात का अपने घर पर स्वागत किया और दुल्हन के रिश्तेदारों के साथ समारोह में हिस्सा लिया. लड़की के परिवार ने 22 अप्रैल को उसकी शादी तय की थी और अंतिम समय में मदद के लिए मुस्लिम पड़ोसियों के पास मदद के लिए पहुंचे.

आपको बता दें जिले के अलवाल मोहल्ले में छोटे से घर में रहने वाले राजेश चौरसिया ने कहां, “पैसे की कमी के कारण हम अपनी भतीजी पूजा की शादी के लिए कोई मैरिज हॉल बुक ना कर पाए.हमारे घर में इस तरह के समारोह को आयोजित करने के लिए जगह नहीं थी. जब मैंने अपने पड़ोसी प्रवेज़ को इस बारे में बताया उसने बिना किसी संकोच के अपने घर के आंगन में शादी करने के लिए कहा इसके बाद राजेश और उनके परिवार ने टेंशन फ्री होकर सभी व्यवस्था करने पर ध्यान केंद्रित कर लिया और परवेज़ के परिवार ने मंडप बनाने का कार्य किया.आपको बता दें रमजान का महीना चल रहा था इससे मुस्लिम समाज के लोग दिन भर रोजा रखते हैं. रमजान के बीच मुस्लिम परिवार ने पड़ोसी की बेटी की शादी के लिए अपना आंगन खाली कर दिया. शादी का मंडप बनाया था उस जगह को अच्छे से सजाया गया और मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई. दिन परवेज ने अपनी पत्नी और परिवार के और सदस्यों के साथ शादी में आए मेहमानों का स्वागत किया. परिवार के पुरुष सदस्य में मेहमानों की देखभाल में लगे थे. और परवेज़ के घर की महिलाओं ने महिलाओं के संग मिलकर शादी के गीत गाए परिवार ने और पारंपरिक भोजन की भी पूरी जिम्मेदारी ली. शादी के बाद में मेहमानों को उपहार दिए चौरसिया ने कहा,” बारात लौटने से पहले परवेज ने दूल्हे को सोने की चेन उपहार स्वरूप दि.उन्होंने मेहमानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे पूजा उनकी बेटी हो. प्रवेज़ की पत्नी नादिरा ने कह पूजा और उनकी मां अक्सर उनके घर आते थे उनके साथ परिवार का सदस्य जैसा व्यवहार किया जाता है.नादिरा ने बताया पूजा मेरी बेटी की तरह है. इसके लिए जब हमें उसकी शादी के बारे में पता चला. हमने परिवार के सदस्यों के रूप में जो कुछ भी हो सकता था. वह किया यह रमजान का पवित्र महीना भी है. बेटी की शादी के आयोजन से बेहतर क्या हो सकता है. नादिरा ने बताया हम अलग-अलग धर्मों के हैं.लेकिन इंसानों के रूप में यह हमारा कर्तव्य है.हम अपनी बेटियों की खुशी को सुनिश्चित करें.