आप से चर्चा करेंगे एक ऐसी लड़की की जिसने अपने गरीबी भरे जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए कड़ी मेहनत की और सफलता प्राप्त की. अगर हमें जीवन में सफल होना है तो हमेशा ही अपने लक्ष्य को साध कर निरंतर प्रयत्न करते रहना चाहिए निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है एक न एक दिन.लेकिन साहस और हिम्मत से निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए.
आपको बता दें उत्तर प्रदेश की एक बिटिया ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया. गरीबी में अपना जीवन जिया लेकिन हालातों से हार नहीं मानी और लगातार प्रयत्न करती रही आज सफलता उसके कदम चूम रही है.खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर जिले की शिवराजपुर गांव का पाठकपुर इलाका जहां सॉफ्टवेयर इंजीनियर कंचन रहती है.कंचन अपने पूरे परिवार के साथ एक अच्छे और किराए के मकान में रहती हैं.उन्होंने बचपन से ही गरीबी देखी है और अभावग्रस्त जीवन जिया है.

मन में शुरू से ही इच्छाएं थी कि पढ़ लिख कर एक सफल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है. जिससे वह अपने माता-पिता को एक अच्छा जीवन दे सके. पढ़ाई में अच्छी थी इसी कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गई लाखों के पैकेज पर एक कंपनी में जॉब भी कर रही हैं. संसाधनों के अभाव के बाद भी कंचन ने कभी मेहनत करने से हार नहीं मानी और आज भी सफल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गई हैं.

जानकारी के लिए बता दें कंचन ने अपनी शिक्षा सरकारी स्कूल से प्राप्त की है.शुरू से ही शिक्षा के लिए काफी गंभीर रही इसलिए उन्होंने कक्षा दसवीं में 80 फ़ीसदी अंक प्राप्त किए.कक्षा 12वीं में 72% अंक प्राप्त किए.इतनी मेहनत के बाद उन्हें इंजीनियरिंग के लिए दाखिला नहीं मिल रहा था. इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के लिए काफी कड़ी मेहनत की मेहनत हमेशा उनकी असफल रही.उन्होंने इंस्टिट्यूट के टीचरों के सामने एडमिशन के लिए काफी गुजारिश की लेकिन टीचर ने उन्हें लौटा दिया. इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन नहीं मिल रहा था इसलिए काफी परेशान थी.

परेशान निराश कंचन धीरे-धीरे अपनी आशा खो रही थी. इसी बीच किसी ने अमित सर से परिचित कराया अमित सर की बदौलत कंचन विजय सर से मिली.आंखों में आंसू मुरझाया चेहरा देखकर विजय सर ने उनका दाखिला कंप्यूटर साइंस ब्रांच में करा दिया. विजय सर ने कंचन को एक बेटी की तरह पूरा सपोर्ट किया उसकी सहायता की जिम्मेदारी उठाई कंचन ने बताया आज तक अमित सर ने उनसे ₹1 नहीं लिया पूरी शिक्षा उन्होंने ही संपन्न कराई.कंचन को उनकी मेहनत का फल मिला नौकरी के सहारे लाखों के पैकेज पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के अच्छी ब्रांच में जॉब मिल गई.उनकी मेहनत रंग लाई कंचन चाहती थी उनकी पहली सैलरी उनके गुरु को गुरु दक्षिणा स्वरूप दें. उन्होंने गीता खरीदी विजय सर ने कंचन के करियर में एक खास भूमिका निभाई.मेहनत कर इंटरशिप के लिए जब कंचन हैदराबाद गई तो विजय सर ने उन्हें पूरी तरह फाइनेंशियल सपोर्ट दिया.इसके साथ कंचन के माता-पिता नीलम दीक्षित और संजय दीक्षित ने भी कंचन का पूरा सपोर्ट किया. अपने शिक्षक को अपनी पहली तनखा दी. तब उन्होंने आशीर्वाद स्वरुप कंचन को ही वापस कर दिए कंचन के जीवन में उनके गुरु ने बहुत अहम भूमिका निभाई.