कूड़े के ढेर में मिले हजारों Condoms मिलने से मचा हंगामा, जानें क्या है पूरा मांजरा

इस दुनिया में बहुत सारी ऐसी चीजें होती हैं जो बहुत अजीबोगरीब है. इन चीजों को जानकर लोगों को लगता है आखिर ऐसा हुआ क्यों या फिर ऐसा होता ही क्यों है. ये दुनिया अजब-गजब चीजों से भरी हुई है और ऐसा कुछ बहुत दूर नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हुआ. जब कूड़े के ढेर में कॉन्डॉम (Condoms) मिले तो उस जगह पर बवाल मच गया. भारत में कॉन्डॉम को लेकर बहुत शर्मींदगी होती है और खुले में लोग इसका नाम नहीं ले सकते हैं वरना दूसरे लोग उन्हें जज करने लगते हैं और पता नहीं क्या-क्या सोच जाते हैं. इस वजह से लोग कॉन्डॉम का नाम तो क्या उसे देखना भी पाप समझते हैं. ऐसे में अगर किसी जगह पर Thousands Condom in the trash का मिलना हैरान करने वाला है तो बवाल होना तो बहुत आम है.
कहां मिला हजारों कॉन्डॉम ? | Thousands Condom in the trash
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में कूड़े के ढेर में हजारों की संख्या में Condoms मिला है. इसके पीछे की कहानी अब सामने आ गई है. यह Condoms केंद्र सरकार की तरफ से लखीमपुर के NGO जेएन बालकुंज को भेजे गए थे. CMO ने एनजीओ के दफ्तर पर छापा मारा तो पूरी सच्चाई सामने आई. नखासा मोहल्ले में हजारों गर्भनिरोधक Condoms कचरे में पाए गए. ये सभी Condoms राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (नाको) ने लखीमपुर के एनजीओ जेएन बालकुंज को भेजे थे. अवध कॉलोनी में स्थापित एनजीओ के ऑफिस में छापेमारी करके कार्रवाई की गई तो अधूरे रिकॉर्ड अधूरे और गायब पाए गए. मौके पर मिले सैंपल और कूड़े में मिले गर्भनिरोधक का मिलान करने पर वो एक ही निकले. इसे साफ हुआ कि सरकारी योजनाओं में किस तरह से संस्था काम करती है. सीएमओ ने एनजीओ के ऑफिस में पाए गए सैंपल जब्त कर लिए गए हैं. अब इस मामले की रिपोर्ट नाको को भेजी जाने की बाद विभाग ने कही है. जानकारी के लिए बता दें कि 20 मार्च को Condoms उस जगह पर पड़े मिले जिन्हें खबर लिखे जाने तक फिलहाल हटाया नहीं गया है. अब इन्हें नष्ट किया जाएगा या नहीं ये तो नहीं पता है लेकिन सीएमओ ने इस बारे में साफ कह दिया है कि वे अब इस्तेमाल करने के लायक नहीं रहे.
जानकारी के लिए बता दें NGO के पास 250 सेक्स वर्कर, 150 ड्रग एडिक्ट और 50 बायोसेक्सुअल लोग हैं. उन्हें गर्भनिरोधक दिए जाते हैं. उन्हीं मे से कुछ को वॉलन्टियर भी बनाया गया. एनजीओ के मुताबिक, उनके पास हर महीने करीब 6 से 8 हजार गर्भनिरोधक बांटने के लिए आते हैं. वॉलन्टियर इन्हें उस ऑफिस से तो लेकर गए लेकिन वितरित नहीं किया जाता. CMO डॉ आलोक कुमार शर्मा के मुताबिक, एनजीओ के ऑफिस पर मिले सैंपल से उसकी पुष्टि हो चुकी है. एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जेएन बालकुंज समिति की प्रोजेक्ट पर अब नजर रखी जाएगी. हालांकि वहां की मैनेजर अर्चना मौर्या ने बताया कि हमारे पास जो गर्भनिरोधक आते हैं वे सेक्स वर्कर तक पहुंचाने के लिए कुछ लोगों को वॉलन्टियर बनाया गया है जिन्होंने उसे नहीं पहुंचाया है और हम लोग उसकी जांच जरूर करेंगे.