चर्चा करेंगे भारतीय टीम के शानदार गेंदबाज उमेश यादव जो इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं.उन्होंने बताया उनके ही दोस्त ने उनके साथ 44 लाख की धोखाधड़ी कर डाली है.आपको बता दें सीनियर पुलिस ऑफिसर अमितेश कुमार ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा EOW ईओडब्ल्यू को सौप है.

इस मामले को गहराई से लेने के सख्त आदेश दिए गए हैं.वैसे खबरों की मानें तो पता चला इन पैसों से ठाकरे ने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए प्रयोग किया है जब इस बात का उमेश यादव ने अनुरोध किया तब राशि वापस करने का संपत्ति नाम पर ट्रांसफर करने में विफल रहे.

आपको बता दें खबरों के अनुसार उमेश यादव और ठाकरे के बीच क्रिकेट खेल के दौरान जान पहचान हुई थी.जैसे जैसे दिन बढ़ते गए वैसे वैसे दोनों की दोस्ती भी बढ़ती गई और गहरी हो गई. इस दोस्ती के चलते ठाकरे उमेश यादव से आयकर बैंकिंग और किसी भी काम के लिए कोई फीस नहीं लेते थे. लेकिन फिर भी उमेश यादव ठाकरे को ₹50 हज़ार दे दिया करते थे.इतना ही नहीं उमेश यादव ने अपने दोस्त शैलेश ठाकरे को पावर ऑफ अटॉर्नी की पावर दे रखी थी. जिसके चलते उमेश यादव को बीसीसीआई,आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स लिमिटेड और ब्रांड प्रमोशन का किसी प्रकार का काम में शिकायत ना आए लेकिन शैलेश ने इस काम को कभी भी अच्छे से नहीं कर पाए और उमेश यादव ने शैलेश ठाकरे के थ्रू नागपुर में जमीन खरीदी थी. खबरों के अनुसार उमेश ने वर्ष 2014 में गांधी सागर झील के आसपास कुछ दुकानें खरीदने का निर्णय लिया था. इसके लिए उमेश यादव ने को कोराडी में भारतीय स्टेट बैंक की एमएसईबी कॉलोनी शाखा में अपने खाते में ₹44 लाख ट्रांसफर किए थे. उसके बाद जब उमेश को पता चला उन पैसों से ठाकरे ने खरीदी गई दुकाने अपने नाम कर ली है उसके बाद उमेश ने पुलिस को इसके बारे में शिकायत दर्ज करवाई है.